चंडीगढ़ के मुंडे पर मोटर स्पोर्ट का जुनून
चंडीगढ़ 12 दिसंबर (अस)
यदि कुछ करने का जनून सिर पर सवार हो जाए तो वह अपनी मंजि़ल तक पहुंचकर ही सांस लेता है। मोटरस्पोर्ट से जुड़ी बातें चंडीगढ़ के चैंपियन हरप्रीत बावा ने बताईं । 2000 से मोटरस्पोर्ट के प्रोफेशन में कदम रख चुके चैंपियन हरप्रीत ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए एड़ी से चोटी तक का ज़ोर लगाया है। सजोबा रैली, डेजर्ट स्टॉर्म, थंडरबोल्ट, रेड डि हिमालय जैसी रैलीज में अपना बेहतरीन प्रदर्शन दिखा चुके हरप्रीत ने हमेशा जीत ही हासिल की है । अब तक वह 40 रैलीज़ में हिस्सा ले चुके हैं और 13 साल के इस सफर के दौरान हरप्रीत में काफी खतरों का सामना भी किया है और उनका कहना है कि उन्होंने इसके लिए काफी अभ्यास किया है । साथ ही टीम थंडरबोल्ट ने उन्हें काफी सपोर्ट किया है । परिवार का काफी सपोर्ट रहा है और हरप्रीत को रेसिंग बेहद पसंद है । उन्हें हमेशा कुछ अलग और हटकर करने की इच्छा थी । हरप्रीत ने बताया कि उनके अनुसार रेड डि हिमालय सबसे मुश्किल रैली है क्यूंकि यह सात दिन की होती है और इसमें काफी हिल्स ड्रॉप, रफ सड़क और काफी नैरो है । अभी तक उनका किसी दुर्घटना से सामना नहीं हुआ है और रही बात रेसिंग की तो डर तो हर किसी के मन में होता है । हरप्रीत ने कहा कि सबसे आसान रैली सजोबा रैली है इसमें एक तो छोटी स्टेजस होती हैं जो आसानी से तय हो जाती हैं। हाल ही में 12 अक्टूबर को शिमला में हुई रेड डि हिमालय में हरप्रीत ने शानदार जीत हासिल की है दो ट्रोफिज और 40,000 के कैश प्राइज के साथ । बीस साल की उम्र में मोटरस्पोर्ट का सफर शुरू करने वाले हरप्रीत ने बताया कि रेसिंग के समय स्पीड का $खास ध्यान रखना पड़ता है और स्पीड को रेस के हिसाब से सेट किया जाता है ।
मोटरस्पोर्ट जैसे फील्ड में आने के लिए स्किल्स, अभ्यास और फिट होना बहुत ज़रूरी है । हरप्रीत ने कहा कि उनके दोस्तों को रेसिंग में देखकर उनके मन में भी आया कि उन्हें इस प्रोफेशन में आना चाहिए। रैली के दौरान सभी आपके कम्पीटीटर होते हैं और बताया कि मुकाबला जीत के लिए नहीं दिल से किया जाता है । जब रैलीज नहीं होतीं तो वह अपना नट बोल्ट का कारोबार संभालते हैं । हरप्रीत ने इंटरनेशनल रैलीज को अपना टारगेट बताया और कहा कि हम सब को लिक्विड डाइट का ही सेवन करना होता है ।